दिनाँक 18 अगस्त, 2017 ई० को हिन्दी साहित्य संगम के तत्वाधान में मिलन विहार मुरादाबाद स्थित मिलन धर्मशाला में मुरादाबाद के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, महाकवि श्री बृजभूषण सिंह गौतम अनुराग जी के आकस्मिक निधन पर शोक सभा आयोजित की गई।
इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि "अनुराग जी अद्भुत रचनाकार थे, उनके द्वारा रचित गीत, गजलें, कहानियाँ, महाकाव्य, दोहे सहित समग्र रचनाकर्म रचनाकर्म हिन्दी साहित्य की अमूल्य धरोहर है। 'अनुराग' जी दैहिक रूप से भले ही हमारे मध्य आज नहीं हों किन्तु अपनी रचनाओं के रूप में सदैव हमारे मध्य बने रहेंगे।"
ब्रजभूषण सिंह गौतम अनुराग जी का निधन 84 वर्ष की आयु में 17 अगस्त, 2017 ई० को हो गया था। उन्होंने अपने जीवन काल में तीन दर्जन से अधिक पुस्तके लिखी लिखीं। आँसू, हिन्दुत्व विनाश की ओर, दर्पन मेरे गाँव का, चाँदनी, धूप आती ही नही, सोनजुही की गन्ध, आँगन में सोनपरी, अपने-अपने सूरज, साँसो की समाधि, चन्दन वन सँवरें, एक टुकड़ा आसमान, आँगन से आकाश तक आदि उनकी कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हे 'दर्पन मेरे गाँव का' महाकाव्य के लिए 15,000 रुपये तथा उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 'चाँदनी' महाकाव्य के लिए 8,000 रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हे दो दर्जन से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच, अक्षरा, सुकाव्य प्रेरणा मंच, परमार्थ, संकेत, श्री गोविन्द हिन्दी साहित्य सेवा समिति आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों साहित्य श्री रामदत्त द्विवेदी, जितेन्द्र कुमार जौली, योगेन्द्र वर्मा व्योम, राजीव प्रखर, शिशुपाल मधुकर, अशोक विश्नोई, ओमकार सिंह ओंकार, विवेक निर्मल, के० पी० सिंह सरल, सतीश गुप्ता फ़िगार, विकास मुरादाबादी, योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई, वीरेन्द्र सिंह बृजवासी, रमेशचंद्र यादव कृष्ण, हेमा तिवारी भट्ट, महेश दिवाकर, रामवीर सिंह वीर, अंकित गुप्ता अंक, अशोक विद्रोही, आर० एल० शुक्ला आदि लोग उपस्थित रहे।
श्रद्धांजलि सभा के अंत में 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
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