रविवार, 10 सितंबर 2017

आचार्य बलवन्त का गीत : उम्मींदों की आशा हिन्दी

उम्मींदों की आशा हिन्दी


जन सामान्य  की  भाषा हिन्दी।
जन–मन  की जिज्ञासा हिन्दी।
जन–जीवन में रची बसी 
बन जीवन की अभिलाषा हिन्दी।

तुलसी-सूर की बानी हिन्दी।
विश्व की जन कल्याणी हिन्दी।
ध्वनित हो रही घर–आँगन में
बनकर कथा – कहानी हिन्दी।
संकट के  इस विषम दौर में
उम्मींदों की आशा हिन्दी।

गीत प्रेम के गाती हिन्दी।
सबको गले लगाती हिन्दी।
प्रेम – भाव से जीने का 
मन में उल्लास जगाती हिन्दी।
प्रेम–भाव से करती, सबके
मन की दूर निराशा हिन्दी।

 राष्ट्र के गानेवाले। 
हँसकर शीश कटानेवाले।
मातृभूमि  की रक्षाहित
अपना सर्वस्व लुटानेवाले।
राष्ट्रधर्म पर मिटनेवाले
वीरों की है गाथा हिन्दी।

सेवा भाव सिखाती हिन्दी।
सबके मन को भाती हिन्दी।
सबके दिल की बातें करती
सबका दिल बहलाती हिन्दी।
स्नेह, शील, सद्भाव, समन्वय
संयम की परिभाषा हिन्दी।  

-आचार्य बलवन्त,
विभागाध्यक्ष, हिंदी कमला 
कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट स्टडीस
450, ओ.टी.सी.रोड, कॉटनपेट, 
बेंगलूर-560053 (कर्नाटक) 
मो. 91-9844558064 , 7337810240   
Email-balwant.acharya@gmail.com