बुधवार, 31 अगस्त 2016

अशोक सिंह 'सत्यवीर की कविता :  क्या है जीवन ? 

क्या है जीवन ?


बार बार इक प्रश्न सुनें हम,
क्या है जीवन?
और हृदय में यही गुनें हम,
क्या है जीवन?।।1।।

जन्म लिया, फिर छोड़ दिया तन,
क्या है जीवन?
दूर हुए या जोड़ लिया मन,
क्या है जीवन?।।2।।

दु:ख अपनायें, सुखहित धायें,
क्या है जीवन?
हारें या खुद को समझायें,
क्या है जीवन?।।3।।

फिक्र छोड़ दें, हृदय जोड़ दें,
क्या है जीवन?
कटु रिश्तों को सहज तोड़ दें,
क्या है जीवन?।।4।।

परम्पराऐं सहज निभाऐं,
क्या है जीवन?
या अपना आदर्श बनाऐं,
क्या है जीवन?।।5।।

अब मन में निष्कर्ष आ रहा,
क्या है जीवन?
गलत किया जो त्रास नित सहा,
क्या है जीवन?।।6।।

सच में हृदय पुकार उठाऐ,
क्या है जीवन?
उसी हेतु सब नियम बनाए,
क्या है जीवन?।।7।।

- अशोक सिंह 'सत्यवीर'
693 ए , रामानंद नगर, अल्लापुर, 
इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश -211006
सम्पर्क सूत्र : 08303406738


Ashok Singh Satyaveer ki kavita : Kya hai jeewan

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