सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

मोहित कुमार शर्मा की गज़ल : ज़िन्दगी भर हम दर्द की ही पनाहों में रहे..

ज़िन्दगी भर हम दर्द की ही पनाहों में रहे..


यूं तो तुम सारे जमाने की निगाहों में रहे..
पर मेरी ये बेबसी कि मेरी आहों में रहे..

क्यों भला तेरी खुमारी सर से जाती ही नहीं...
जबकि है मालूम के तुम किसकी बाहों में रहे...

मेरे जिन भावों की मंजिल था तुम्हारा दिल ऐ यार...
क्या वजाह कि आज तक वो सिर्फ राहों में रहे..

बेबफाई भी तुम्हारी,बेगुनाह भी तुम रहे...
हम वफ़ा करके भी जीवन भर गुनाहों में रहे..

साथ शायर का खुशी ने पल दो पल को दे दिया....
ज़िन्दगी भर हम दर्द की ही पनाहों में रहे..


- मोहित कुमार शर्मा
ग्राम व पोस्ट-पेपल, तहसील -बिसौली, 
जिला -  बदायूँ (उ.प्र.)
पिन कोड - 243725
सम्पर्क सूत्र: 9045346924
Email id- kavimohit3@gmail.com

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