वीरेन्द्र शर्मा वीर की कविता : देश अभी आज़ाद नहीं
देश अभी आज़ाद नहीं
क्योंकि
हम अभी तक
मानसिक रूप से बीमार हैं
देश अभी आज़ाद नहीं
क्योंकि
किसी को अपनी
क़ाबिलियत पर भरोसा नहीं
सब सोचते हैं
मेहनत से ज़्यादा उन्हें
आरक्षण की दरकार है
देश अभी आज़ाद नहीं
क्योंकि
घर के भीतर ही
छुपे कई ग़द्दार हैं
देश अभी आज़ाद नहीं
क्योंकि
सुरक्षित नहीं कहीं
देश की बेटियाँ
देश अभी आज़ाद नहीं
क्योंकि
अन्नदाता तो भूखा है
और बड़े लोग
कूड़े के ढेर में फेंक रहे रोटियाँ
देश अभी आज़ाद नहीं
क्योंकि
एक सौ कमरों के मकान में
अकेला सोता है तो
लाखों को फुटपाथ पर भी
जगह नसीब नहीं
देश अभी आज़ाद नहीं
क्योंकि
अस्सी रूपये बिकता प्याज़ यहाँ
और मात्र बत्तीस रूपये
दैनिक वाला यहाँ ग़रीब नहीं
-वीरेन्द्र शर्मा वीर
गाँव : पध्याड़ा, पोस्ट कोहाला
तहसील ज्वालामुखी
ज़िला काँगड़ा ( हिमाचल प्रदेश )
सम्पर्क सूत्र : 94180 76175
ईमेल - sharma.virender85@gmail.com
बहुत बधाईयाँ आपको, वीर जी सुंदर रचना के लिए
जवाब देंहटाएंबहुत बधाईयाँ आपको, वीर जी सुंदर रचना के लिए
जवाब देंहटाएंवीर जी रचना अति सुंदर और गहरी चोट करने में सक्षम है।
जवाब देंहटाएंकड़वे यथार्थ को उजागर करती हुई सुंदर और सार्थक रचना ...वीरेंद्र सर को बधाई .......!
जवाब देंहटाएंसुंदर व सार्थक रचना महोदय बधाइयाँ।
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